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झुंझुनू जिले में स्कूल बस की चपेट में आने से फिर से 5 साल के मासूम की मौत jhunjhunu news

रिपोर्टर – विकास कनवा8104481167

झुंझुनू जिले में स्कूल बस टक्कर से फिर से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई।दुर्घटना में उसका सात साल का भाई और पिता घायल हो गए। घायलों का बीडीके अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्ची का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।पुलिस के अनुसार सुलखनिया बड़ा निवासी सज्जन कुमार (35)  की बेटी रिंकू (6) की दुर्घटना में मौत हो गई।

सज्जन कुमार सुलखनिया बड़ा के बस स्टैंड पर अपने दोनों बच्चों को लेकर खड़ा हुआ था। सज्जन के साथ बेटा मोहित (7) और बेटी रिंकू (6) थीं। इस दौरान इण्डियन स्कूल की बस आई और उन्हें टक्कर मार दी। दुर्घटना में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को झुंझुनूं के एक निजी अस्पताल में लेकर आए, इसके बाद सभी झुंझुनूं सरकारी अस्पताल बीडीके के लिए रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान रिंकू (6) की मौत हो गई। घायल सज्जन कुमार और बेटा मोहित का का बीडीके अस्पताल में इलाज चल रहा है।

क्षमता से अधिक बच्चों को डालकर कर रहे हैं सफर

निजी स्कूलों के वाहनों में क्षमता से अधिक स्कूली बच्चों को ठोस ठोस कर खटारा बसों में सफर करवा रहे हैं लेकिन ना ही तो परिवहन विभाग इस पर ध्यान दे रहा और ना ही पुलिस विभाग ध्यान दे रहा है जबकि इस पर परिवहन और पुलिस विभाग कार्रवाई कर सकता है लेकिन दोनों ही विभागों की ओर से कार्रवाई करने की बजाय अनदेखी की जा रही है अब अनदेखी करने का कारण क्या हो सकता है वह तो आने वाला जांच अधिकारी से ही पता लगाया जा सकता है।

पुलिस थाने के सामने से धड़ल्ले से गुजरते हैं स्कूल के वाहन

झुंझुनू जिले में निजी वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंस कर पुलिस थाने के सामने से धड़ल्ले से गुजर रहे हैं। लेकिन ना ही तो पुलिस कार्रवाई कर रही है और ना ही पुलिस कार्रवाई कर रही है जबकि अभियानों के माध्यम से स्कूली बच्चों को साथ लेकर सड़क सुरक्षा अभियान को लेकर जागरूकता अभियान निकाला जाता है। लेकिन निजी स्कूल संचालक जागरूकता के साथ-साथ अपनी कमियों को छुपाने के लिए धड़ल्ले से बच्चों को ठोस ठोस कर सड़क निजी स्कूलों के बाहर सरपट दौड़ रहे हैं।

निजी स्कूलों के वाहनों में नहीं है खलासी की व्यवस्था
निजी स्कूलों के वाहन नहीं कर रहे हैं परिवहन विभाग के स्कूल की नियम कायदों को पूरा जबकि निजी स्कूलों के वाहनों में चालक के साथ-साथ खलासी की भी आवश्यकता होती है जो कि बच्चों को उतारने और बैठाने के लिए खलासी की जरूरत होती है जबकि खलासी के बिगर अधिकांश स्कूलों मे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं जोकि परिवहन विभाग के नियमों की हवेलना करते हुए धज्जियां उड़ा रहे हैं

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