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उदयपुरवाटी बेसहारों की आवाज संगठन ने निभाया सामाजिक सरोकार

रिपोर्टर – विकास कनवा – 8104481167

बिना पिता भाई के दो बहनों की हुई धूमधाम से शादी

उदयपुरवाटी कस्बे के निकटवर्ती किरोड़ी रोड पर स्थित बिजोरिया जाति की स्वर्गीय पटवारी पत्नी विमला देवी की दो बेटियों मंजू व बबीता की शादी रविवार को धूमधाम से हुई। पिछले एक महीने से बेसहारों की आवाज संगठन द्वारा मुहिम चलाकर गरीब परिवार की मदद की जा रही थी। बेसहारों की आवाज संगठन प्रदेश अध्यक्ष शीशराम गुर्जर ने बताया कि दोनों बेटियों की पिता और भाई का सिर से साया उठ चुका था। जिसके चलते हमारे संगठन से जुड़े पदाधिकारी लोगों ने थोड़ी थोड़ी मदद कर उनकी मदद की वही सोशल मीडिया पर सहयोग मांगा जिसके बाद जनसेवा करते हुए समाजसेवी व अन्य कई संगठन पीड़ित परिवार की मदद करने के लिए पहुंचे। जिसके बाद पीड़ित परिवार की दोनों बेटियों की रविवार को धूमधाम से शादी की गई। बेसहारों की आवाज ग्रुप के अध्यक्ष शीशराम गुर्जर व सदस्यों ने जरूरतमंद परिवारों की जिम्मेदारी लेते हुए आगे भी इस तरह की सामाजिक सरोकार निभाने का वादा किया है। वही शादी समारोह में पूरी परंपरा के अनुसार करवाई गई। वह शादी एक समाज में अच्छा मैसेज देते हुए उदाहरण भी पेश किया है।जन सहयोग से धीरे-धीरे अच्छी मदद मिली जिससे दोनों बहनों की धूमधाम से शादी की गई। साथ संगठन के माध्यम से टेंट डीजे रथ फलो डीजे हलवाई वीडियोग्राफर ब्यूटी पार्लर सहित खाने पीने की तमाम सुविधा करते हुए दोनों बहनों की धूमधाम से शादी करने के बाद विदाई की गई। इस दौरान बेसहारों की आवाज संगठन के अध्यक्ष शीशराम गुर्जर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया है। इस दौरान शादी की तैयारी को लेकर पिछले 7 दिन से लगातार बेसहारों की आवाज संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठन अध्यक्ष शीशराम गुर्जर, धोलू राम सैनी, महीपाल गुर्जर, प्रकाश चंद सैनी बाबूलाल सैनी ,समंदर पहाड़िला, विष्णु स्वामी, नरेन्द्र सैनी, पोखर मल कसाना, मनीष कसाना,प्रभु दयाल वकील, राकेश स्वामी,नेतराम राठी , उदयसिंह ,उमेश, दौलत, राजेंद्र,सोनू , बबलू, भरत सिंह, बलदेव स्वामी,सहित सुरेश गुर्जर धनावता पीड़ित परिवार का पूरा सहयोग किया।

आतिशबाजी के साथ निकाली थी संगठन ने बंदोरी

उदयपुरवाटी कस्बे के जयपुर रोड पर स्थित सरकारी अस्पताल के पास शनिवार को इंदिरा रसोई से बेसहारों की आवाज संगठन के द्वारा आतिशबाजी करते हुए दोनों बहनों की रथ पर बैठाकर बंदोली निकाली गई थी। कोई कस्बे में बंदोरी के दौरान जगह-जगह की गई थी आतिशबाजी। सरकारी अस्पताल के पास इंदिरा रसोई में काम कर के अपना परिवार का कर रही थी भरण-पोषण बेसहारों की आवाज संगठन अध्यक्ष शीशराम गुर्जर ने जानकारी देते दोनों बहनों को भाई और पिता का नहीं होने का एहसास कराते हुए हमारे संगठन ने सामाजिक सरोकार निभाया है।

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