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स्कूल रिकॉर्ड में 32 का नामांकन मौके पर एक भी बच्चा उपस्थित नहीं गुरुजी ने कहा बच्चे आए नहीं

रिपोर्ट विकास कनवा – 8104481167

उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के मंडावरा ग्राम पंचायत के हालेड़ा राजस्व गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सरकार के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है। मीडिया कर्मचारियों ने जब सरकारी स्कूल का औचक निरीक्षण किया।तब मामला सामने आया है।वहीं शुक्रवार के दिन हालेंड़ा गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 32 बच्चों का नामांकन है। लेकिन मौके पर एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला इतना ही नहीं विद्यालय में प्रधानाध्यापक भी मौजूद नहीं मिले एक शिक्षक के भरोसे बिना बच्चों का स्कूल चल रहा है। इसको देखकर हर कोई दंग रह जाएगा।दंग इसलिए रह जाएगा खाली कागजों में महज पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।

लेकिन मौके पर 32 बच्चों के नामांकन वालें स्कूल में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला। जिसको लेकर गुरुजी से पूछा गया तो गुरुजी ने कहा आज बच्चे आए नहीं। लेकिन आज स्कूल में देखने के दौरान सरकारी विद्यालय में विद्यार्थियों का टोटा और प्रधानाध्यापक और अध्यापक में एक अध्यापक उपस्थित मिला। लेकिन विद्यालय रिकॉर्ड में 32 का नामांकन पर लगे दो अध्यापकों को करीब लगभग डेढ़ लाख रुपया मासिक वेतन दिया जा रहे हैं। इसके अलावा स्टेशनरी पोषाहार बिजली पानी सहित अन्य खर्चा अलग से मिल रहा है। उसके बावजूद सरकारी विद्यालय में 32 के नामांकन पर विद्यालय में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला।

32 बच्चों के नामांकन वाली स्कूल में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं

मंडावरा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव हालेड़ा में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मैं 32 बच्चों का नामांकन दर्ज है लेकिन शुक्रवार को विद्यालय में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला जब मौके पर तैनात अध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने कहा आज बच्चे आए ही नहीं जब दूसरा सवाल अध्यापक से किया गया रोज कितने बच्चे आते हैं। तो अध्यापक ने कहा दो चार बच्चे रोज आते हैं लेकिन दो चार बच्चों की पढ़ाई पर सरकारी विद्यालयों में सरकार हर महीने डेढ़ लाख रुपए खर्च कर रही है। लेकिन रिजल्ट जीरो

विद्यालय के कार्यालय में नहीं लगी झाड़ू

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में अंदर जाने के बाद विद्यालय कार्यालय के अंदर अंदर ऐसा लग रहा है जैसे कि 1 महीने से झाड़ू तक नहीं निकली। और मौके पर कार्यालय परिसर

में सामान बिखरा पड़ा नजर आया। वह कार्यालय परिसर के बाहर मकड़ियों का जाल की जाल चारों ओर नजर आया। जब मौके पर मौजूद अध्यापक से बच्चों पोषाहार के बारे में पूछा गया तो अध्यापक ने कहा बच्चे नहीं आए तो पोषाहार कहां से बनाएं। जब मौके पर तैनात अध्यापक से किचन में पोषाहार चेक करने के लिए कहा गया तो स्कूल परिसर में किचन की चाबी नहीं मिली।

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