युवाओं के दिलो की आवाज बने जन सेवक मधुसूदन मालानी
24 वें जन्मदिवस पर लगा रक्तदान शिविर, नेत्र रोग हॉस्पीटल का हुआ उदघाटन, बाइक रैली का भी हुआ आयोजन
पिलानी। युवाओं के दिलों की आवाज जन सेवक डॉ मधुसूदन मालानी बन गये है। ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला पिलानी में। मौका था डॉ मधुसूदन मालानी के 24 वें जन्मदिवस का। इस अवसर पर युवाओं की ओर से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इससे पहले नेत्र रोग हॉस्पीटल का उद्घाटन किया। भाजपा संसदीय बोर्ड सदस्य डॉ. सुधा यादव एवं डॉ मालानी रथ में सवार होकर चंद्र भवन से बिरला अस्पताल पहुंचे। रथ के आगे बाइक रैली चल रही थी। इस बाइक रैली में युवाओं का डॉ मालानी को लेकर जो जोश नजर आया वो देखने लायक रहा। मंच से 51 किलो की फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया। बाद में केक भी काटा गया। इस दौरान डॉ मालानी के समर्थको के द्वारा बनाये गये एक सॉंग को भी रिलीज किया गया। युवाओं को जोश कितना था, इसी बात से समझा जा सकता है कि डॉ मालानी के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई। डॉ मालानी के प्रशंसक उनसे मिलने तथा उनको बधाई देने के लिये उत्साहित नजर आये। बिरला सार्वजनिक अस्पताल में हुये कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथि चरखी दादरी विधायक सोमवीर सांगवान, आरएसएस के शैलेंद्र पांडे, समाज सेवी सुनील भारद्वाज, पूर्व प्रधान कैलाश मेघवाल आदि मौजूद रहे। भाजपा संसदीय बोर्ड सदस्य डॉ सुधा यादव ने डॉ मालानी की जमकर तारीफ की। इस मौके पर डॉ मालानी ने हजारों की संख्या में उमड़े समर्थकों का आभार जताया।
चन्द्रभवन से बिरला अस्पताल तक बाइक रैली
डॉ मालानी के जन्मदिवस पर उनके युवाओं व समर्थको का जोश देखते ही बन रहा था। चन्द्रभवन से बिरला अस्पताल तक बाइक रैली का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ो की संख्या में युवा बाइक लेकर पहुंचे और बाइक रैली में शामिल हुये।
भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य ने की डॉ मालानी की तारीफ
भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य डॉ सुधा यादव ने बिरला अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार समेत समाज में अनेक कार्य कर रहे डॉ मालानी के कार्यो की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतनी छोटी उम्र में जिस प्रकार की सोच लेकर डॉ मालानी चल रहे है, जिससे लगता है कि वो समाज के लिये बहुत कुछ करना चाहते है।
नेत्र रोग अस्पताल के पीछे डॉ मालानी की सोच के कायल हुये लोग
नेत्र रोग अस्पताल..इसके पीछे डॉ मधुसूदन मालानी की सकारात्मक एवं भावानात्मक दोनों सोच है। ये उन्होंने मंच पर साझा भी किया। उन्होंने कहां कि जिले के बुहाना क्षेत्र में पिछले दिनो आई बाढ़ में कुछ ऐसे लोगों से मिले, जिन्हे आंखो से बिलकुल नहीं दिखता था। पैसो के अभाव के चलते तथा सही चिकित्सा सुविधा नहीं होने के चलते वे इलाज नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे में डॉ मालानी ने संवेदनशीलता से उनके दर्द को महसूस किया और इसकी रूपरेखा तैयार कर नेत्र रोग अस्पताल तैयार करवाया। डॉ मालानी की समाज के प्रति संवेदनशीलता ही उन्हें महज 24 साल की उम्र में ही इतना लोकप्रिय कर दिया है।